कल केंद्र की वित्त मंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और देश मे उत्पादित सभी प्रकार के ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक अध्यादेश लाने की बात कही। इसके अंतर्गत वो सभी उत्पाद जो इलेक्ट्रॉनिक निकोटिन डिलीवरी सिस्टम ( ENDS ) के अंतर्गत आते हैं का उत्पादन, वितरण व आयात-निर्यात बंद कर दिया जाएगा। ईएनडीएस के अंतर्गत ई-सिगरेट के अलावा वेप्स, ई-हुक्का व ई-सिगार आदि भी आते हैं। इस अध्यादेश से इन सब का उत्पादन, वितरण व बिक्री बन्द हो जाएगी। इस नियम का उलंघन करने वाले को पहली बार पकड़े जाने पर 1 लाख जुर्माना या एक साल की जेल अथवा दोनों भी हो सकता है परन्तु यदि कोई दुबारा पकड़ा जाता है तो 5 लाख जुर्माना या 3 साल की जेल या दोनों हो सकता है और यदि कोई इन उत्पादों का स्टोर करता है तो उसे 55 हजार रुपये जुर्माना या 6 माह की की जेल या दोनों हो सकता है। अगर भारत मे ई-सिगरेट के बाजार को देखे तो एक लिहाज से यह अभी छोटा था परन्तु धीरे-धीरे बड़ा होने लगा था। 2017 में भारत में ई-सिगरेट का बाजार करीब 107 करोड़ रुपये था लेकिन उम्मीद जताई जा रही थी कि 2022 तक यह 60 फीसदी तक बढोत्तरी कर सकता था। प्रेसिएन्ट एंड
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