ग्रहताक्षेकुण्ड कई ऐसी कहावते हैं कि भगवान विष्णु द्वारा बाराह अवतावर लेने की वजह से ही बाराबंकी जिले का नाम 'बाराबंकी' पड़ा। बाराबंकी मुख्यालय से लगभग 40 मील दूरी पर अयोध्या जिले से सटा सबसे पिछड़ा विकास खंड पुरेडलई है, जिसका मुख्यालय 'बरिनबाग' चौराहे पर स्थित है। बारिनबाग से दक्षिण लग्भग 6 किमी की दूरी पर उत्तर भारत की प्रचंड नदी घाघरा बहती है,जहां पवित्र स्थल मूर्तियहन घाट है, जो अपने कटान और चौड़ाई की वजह से जानी जाती है, यही आगे जाकर गोंडा में एक छोटे से कस्बे 'पशका' में सरयू से मिल जाती है, जहाँ से इसका नाम सरयू हो जाता है। और यही अयोध्या को मोक्षदायिनी सरयू है। बारिनबाग और घाघरा के बीच अंग्रेजी समय से एक तालुका रानीमऊ तराई है,जो कि अब इसी नाम से एक गांव है। जहाँ सड़क किनारे ही बहुत प्राचीन भक्त शिरोमणि श्री हनुमान जी की मंदिर है। यहाँ के लोगों में इसमें बहुत आस्था है। पुराने लोग ऐसा बताते हैं कि जब संत चैरासी कोसी परिक्रमा करने आते हैं तो इसके दर्शन करने आते है और एक-दो दिन इस जगह ठहरते हैं। उन्होंने इसका नाम "गृताक्षेकुंड" दिया है और
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