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तो क्या भारत के अर्थव्यवस्था की विकास दर पड़ोसी देशों से भी नीचे गिर गई है ?

विगत कुछ महीनों से भारत आर्थिक संकट से जूझ रहा है।  भारत के अर्थव्यवस्था की विकास दर पिछले एक दशक के सबसे निम्नतम स्तर पर हैं। लगभग सभी अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं ने भारत के जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के विकास की अनुमान दर घटा दी है। इस समय हम जीडीपी ग्रोथ के मामले में काफी पीछे हो चुके हैं। पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में जीडीपी ग्रोथ सबसे निम्नतम स्तर पर थी जिससे हम विश्व की सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था का तमगा भी खो चुके हैं। एक समय जहां जीडीपी ग्रोथ 8.5 फीसदी तक पहुंच गई थी अब वह 5.5 फीसदी पर चल रही है। भारत में उद्योगों की हालत बहुत खस्ता है। बड़े उद्योगों से लेकर सूक्ष्म, लघु एवम मध्यम उद्योगों की हालत भी खराब है। ऑटोमोबाइल, एफएमसीजी, कपड़ा व हीरा उद्योग बिल्कुल चरमरा गई हैं। हालत इतनी खस्ता है कि हमारा विकास दर पड़ोसी देशों से भी कम हो गया है।


बांग्लादेश से पिछड़ा भारत।

वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत को जीडीपी ग्रोथ के मामले में बांग्लादेश ने पीछे कर दिया है। इससे पहले एशियाई विकास बैंक ने भी अपनी रिपोर्ट में इसका जिक्र किया था। ऐशियाई विकास बैंक ने वर्ष 2019 के लिए बांग्लादेश की विकास दर 8 फीसदी किया था और बाद में यह अनुमान बढ़ाकर 8.1 फीसदी कर दिया। वहीं भारत के लिए एशियाई विकास बैंक ने पहले अनुमान 7.2 फीसदी लगाया था और फिर आर्थिक मंदी के चलते घटाकर 6.5 फीसदी कर दिया। वर्ष 2020 के लिए बांग्लादेश के लिए यह अनुमान 8 फीसदी है जबकि भारत के लिए यह अनुमान 7.2 फीसदी ही है। अगर जीडीपी के हिसाब देखे तो बांग्लादेश ने 2018 में ही भारत को पीछे छोड़ दिया था।


नेपाल से भी पिछड़ सकता है।

विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश के साथ-साथ भारत की विकास दर नेपाल से भी पीछे रह सकती है। नेपाल की अर्थव्यवस्था भारत की अपेक्षा अच्छी दर से विकास कर रही है। परन्तु भारत पाकिस्तान से बेहतर प्रदर्शन करेगा। इस समय पाकिस्तान मात्र 2.4 फीसदी की दर से विकास कर रहा है।

पूरे एशिया का विकास दर घटेगा।

एशियाई विकास बैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि साल 2019 में जीडीपी ग्रोथ रेट 1.1 फीसदी कम रहकर पर रह सकती है। गौरतलब है कि विश्व बैंक ने पूरे विश्व की विकास दर का घटने का अनुमान लगाया है।


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